हजारों में एक मेरा भाई है


किसी से मेरा बैर नही, हर सख्श मुझे प्यारा है।
इस धरा पर जन्म लिया, हर इंसान मित्र हमारा है।।


ढूंढता हूँ खुद को,इंसानियत की भीड़ में।
डगमगा न जाऊं, सीखता हूँ भीड़ में।।


करता हूँ सबका सम्मान, भाई से मिलता है मान।
ईश्वर की मूरत है भाई, करता हूँ उनका सम्मान।।


प्यार मिले, साथ मिले, मिले ज्ञान का भंडार।
हर बाधाओं को लांघ कर, पहुँच शिखर पर हर बार।।


भाई मेरा साथ है, ईश्वर का आशीर्वाद है।
हजारों में एक है, भाई मेरा प्यार है।।



              दिव्यांशु....


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