गोवर्धन धारी हे!


गोवर्धन धारी हे! कान्हा,बन  जाओ रखवारे ।
हे! कृष्णा हे! मोहन मेरे तुम बिन कौन उबारे ।


हर  कोई है व्यथित यहाँ  ,तो कोरोना के मारे ।
थोड़ी सी मुस्कान कन्हैया जग को दे दो प्यारे ।


तुम बिन मेरे कान्हा अब ये नइया कौन उबारे ।
तड़प उठी मानवता अब तो केवल तुम्हे पुकारे ।


हे!यदुनन्दन दया करो अब बिलख रहे हैं सारे ।
तुमने तो पहले भी कितने अनगिन असुर सँहारे।


दुष्ट  कंस पूतना  वकासुर  एक एक  कर मारे।
कोरोना का  नाम मिटा दो राधा जी के प्यारे ।


हर  कोई है  व्यथित यहाँ तो  कोरोना के मारे।
हे! कान्हा हे !मोहन मेरे तुम बिन कौन उबारे ।
         सुषमा दीक्षित शुक्ला


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
पीहू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
कोरोना की जंग में वास्तव हीरो  हैं लैब टेक्नीशियन
Image