आपके दिल को चुरा लूँ ये मेरी ख़्वाहिश है
अपनी आँखों में बसा लूँ ये मेरी ख़्वाहिश है
कब ,कहाँ, कैसे मिलन ,बात हुई है तुमसे
राज भी सब से छुपा लूँ ये मेरी ख़्वाहिश है
है बहारों को पता दिल में छुपी जो बातें
तुम को तुम्हीं से चुरा लूँ ये मेरी ख़्वाहिश है
अपने दिल के दबे जज़्बात सुनाने को मैं
पास कुछ देर बिठा लूँ ये मेरी ख़्वाहिश है
साथ चलते हो ग़ज़ल बनके सदा 'साया' के
बज़्म मे लब पे सजा लूँ ये मेरी ख़्वाहिश है
सुषमा कुमारी साया
अंग्रेज़ी प्रवक्ता
गुरुग्राम हरियाणा