ग़ज़ल

आपके दिल को चुरा लूँ ये मेरी  ख़्वाहिश है
अपनी आँखों में बसा लूँ ये मेरी ख़्वाहिश है


कब ,कहाँ, कैसे  मिलन ,बात  हुई  है  तुमसे
राज भी सब से छुपा लूँ  ये मेरी  ख़्वाहिश है


है बहारों  को  पता  दिल  में  छुपी  जो  बातें
तुम को  तुम्हीं  से चुरा  लूँ ये मेरी ख़्वाहिश है


अपने  दिल  के  दबे  जज़्बात  सुनाने  को  मैं
पास  कुछ  देर   बिठा  लूँ  ये मेरी ख़्वाहिश है


साथ  चलते  हो  ग़ज़ल  बनके  सदा 'साया' के
बज़्म  मे  लब  पे सजा  लूँ  ये मेरी ख़्वाहिश है
सुषमा कुमारी साया
अंग्रेज़ी प्रवक्ता
गुरुग्राम हरियाणा


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image
पितृपक्ष के पावन अवसर पर पौधारोपण करें- अध्यक्ष डाँ रश्मि शुकला
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं रुड़की उत्तराखंड से एकता शर्मा
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं लखीमपुर से कवि गोविंद कुमार गुप्ता
Image