ऐ! मेरी जमीं अफसोस नही
जो तेरे लिए सौ दर्द सहे
महफूज रहे तेरी आन सदा
चाहे जान मेरी ये रहे ना रहे"""
कतरा-कतरा बहे खुन अब सबका
आखिर अब हिसाब देगा कौन ??
माँ धरती भी अब थक चुकी
आखिर सर से बोझ उतारेगा कौन ??
छलनी किया जीन दहशतगर्दो ने सीना
अब उनकी हमे औकात दिखानी होगी
घर मे घुस मार अब उन सब गद्दारो को
हमे भी बात उन्हे अच्छी से सिखानी होगी
""तेरी मिट्टी मे मिल जावा
गुल बनके मै खिल जावा
इतनी सी है दिल आरजू
तेरे नदियो मे बह जावा
तेरे खेतो मे लहरावा
इतनी सी दिल की आरजू"""
""माँ के वीर सपुत है हम्म न की कायर कहलाते है
खाकर अपने सीने पर गोलियाँ माँ की लाज बचाते है""
कहते सब हम सब को फौजी
पर हम सब तो है मनमौजी
करके कुर्बान अपनी सारी खुशियाँ
करते सबकी हम्म रखवल्ली
बचपन की वो खिलकारियाँ आज भी हमे बुलाती है
माँ की सेवा मे अर्पन हूँ आज भी याद दिला रुलाती है
"""सरसो से भरे खलिहान मेरे
जहाँ झूम के भगंड़ा पा न सका
आबाद रहे वो गाँव सदा
जहाँ लौटकर वापस आ न सका
वो वतना बे मेरे वतना बे
तेरा मेरा प्यार निराला था
कुर्बान हुआ तेरी अस्मित पे
मै कितना नसीबो वाला था""""
देख माँ तेरा बेटा आज अपना फर्ज निभा गया
बचाकर उस भारत माँ की आन तिरंगे मे लिपटा गया
#विनम्र_श्रद्धांजलि
मनोरमा सिंह
आजमगढ़ उत्तर-प्रदेश