वैरी को कम न समझें कभी,
पीठ पीछे प्रहार वो कर सकता है,
मीठी-मीठी बातों में उलझाकर,
कभी भी हमसे लड़ सकता है,
कभी भी हमसे लड़ सकता है,
आज चीन देश ने कर दिखाया,
कहते 'कमलाकर' हैं वैरी ने,
सावधान का है पाठ पढ़ाया।।
तुम भी सावधान हो जावो चीन देश,
हम भी शठम् शाठ्यम् अपनायेंगे,
अब बदला लेकर हम भी रहेंगे,
तेरी हिम्मत औकात बतायेंगे,
तेरी हिम्मत औकात बतायेंगे,
विध्वंस, तहस - नहस कर देंगे हम,
कहते 'कमलाकर ' हैं सुनो चीन तू,
तेरे देश में भारत का झंडा फहराएंगे हम।।
कवि कमलाकर त्रिपाठी.