बहुत ही खुबसुरत एहसास है
तुम्हारा माधव
तुम्हे जब भी सोचते हम
महक से जाते है
तेरे ख्यालो मे खोकर हम कही
#आजमगढ़ की गलियो मे
बहक से जाते है
तुझसे मिलने की तड़प
मुझमे जग जाती है
नाम तेरा मै लेकर दर-दर भटकती
तेरे मिलन की अभिलाषा
मुझमे चाह जगाती है
इक बार अपना दर्श दिखाकर
तुम मुझे अपना बना लो
रखना जीवनभर अपने चरणो मे ही
तुम अपने चरणो का दास तो बना लो
मनोरमा सिंह
Manorama Singh