प्राचीन योगविद्या से स्वस्थ व मूल्य आधारित समाज का निर्माण संभव-- डा चौरसिया
योग से कोरोना सहित अनेक असाध्य रोगों का इलाज संभव--डा शम्भु
मीर शहनवाज
दरभंगा। वर्तमान व्यस्तता पूर्ण जीवन में शारीरीक व मानसिक रूप से फिट रहने के लिए योग बहुत जरुरी है। यह हमारे जीवन के तनाव को दूर कर हमें सकारात्मक बनाता है। उक्त बातें एक्यूप्रेशर,योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा परिषद् , दरभंगा तथा भारत विकास परिषद् ,भारती-मंडन शाखा, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में चूनाभट्ठी में आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन योग प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में सी एम कॉलेज, दरभंगा के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया ने कहा। उन्होंने कहा कि योग एक अति प्राचीन विद्या है, जिसके माध्यम से स्वास्थ्य एवं मूल्य आधारित समाज का निर्माण आसानी से किया जा सकता है। एक्यूप्रेशर,योग व प्राकृतिक चिकित्सा परिषद् ,दरभंगा के महासचिव सह प्रशिक्षक डॉ शंभु मंडल ने कहा कि शारीरिक श्रम की कमी के कारण उत्पन्न बीमारियों से बचने में योग मदद करता है। इससे शरीर और मन का उचित प्रबंधन होता है तथा कार्यों में कुशलता आती है। योग-चिकित्सा से गठिया, वातरोग, साइटिका, लकवा, जोड़ों का दर्द, उच्च रक्तचाप, मानसिक तनाव, मोटापा व कोरोना सहित अनेक असाध्य रोगों का इलाज संभव है।
विज्ञान शिक्षिका अंजू कुमारी ने कहा कि योग के द्वारा तन व मन में समन्वय स्थापित होता है। इससे खुशहाल जीवन जीने की कला सीखा जा सकता है। योगाभ्यास से चित्त स्थिर होता है तथा ताजगी महसूस होती है।एमआरएम कॉलेज की छात्रा कुमारी तिलोत्तमा ने कहा कि योग के निरंतर अभ्यास से ध्यान केंद्रित होता है तथा पढ़ाई में स्थिरता आती है। सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में योग शिक्षा शीघ्र प्रारंभ किया जाना चाहिए। ऑनलाइन प्रशिक्षण के दौरान विशेष रूप से सुधीर गुप्ता,अर्चना गुप्ता, साईं पीयूषराज,आयुष राज, कुमार शुभांशु आदि उपस्थित रहे। आगत अतिथियों का स्वागत सुधीर गुप्ता ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन अर्चना गुप्ता ने किया।