चाहे सूर्यग्रहण हो या हो चंद्रग्रहण,
हैं प्रकृतिकृति सब नियम-नियमन में,
औ हैं प्रभावी अच्छा या बुरा,
समय - समय पर मानव जीवन में,
समय - समय पर मानव जीवन में,
हैं हम सब कुछ कर सकते नहीं,
कहते 'कमलाकर' हैं विभुकृति को,
कभी हम बदल सकते नहीं।।
कवि कमलाकर त्रिपाठी.
सूर्यग्रहण