तुम्हारी पलको का काँपना।
तनिक-सा चमक खुलना,
फिर झपकना।
तुम्हारी पलको का काँपना।
मानो दिखा तुम्हेे किसीं कली के
खुलने का सपना।
तुम्हारी पलको का काँपना।
सपनो की एक किरण मुझको दो ना,
है मेरा इष्ट उस सपने का कण होना।
और सब समय पराया है,
बस उतना ही अपना है।
तुम्हारी पलको का काँपना।
यादों के तसव्वुर मे,
कितने नाम है तुम्हारे।
तूलिका मे तुम्हारे ही रँग,
कलम मे तुम्हारा ही जादू।
तुम को बनाता है,
आसमानी परियो सा हसीन।
हेमा पाण्डेय