प्रेम

प्रेम को महसूस करने के लिए आपको प्रेम बनना पड़ता है तभी आप प्रेम को समझ पायेंगे अगर जरा सा भी आपमें  इंसान रह गया तो आप प्रेम को नहीं समझ पाओगेप और सही गलत के तर्क में उलझ जाओगे । सही गलत तो इंसानों की सामाजिक दुनिया में होता है प्रेम में तो सब प्रेम ही है । प्रेम में सबकुछ जायज है दर्द भी मिलन भी , बिछोह भी और स्पर्श भी , दुरी भी और मिलन भी , प्रेम में बस प्रेम होता है सिर्फ और सिर्फ प्रेम । प्रेम में जायज अगर कुछ नहीं है तो वो है तर्क , तर्क प्रेम की पवित्रता और उसके चरमानंद को धूमिल कर देता है !


सुनिए , प्रेम कब आपके जीवन में प्रवेश करेगा आपको एहसास भी नहीं होगा पर जब कभी भी आपके जीवन में वो प्रवेश करें तो आने दिजीएगा और दिल में पुरे सम्मान के साथ जगह दिजीएगा क्योंकि आप प्रेम का चुनाव नहीं करते बल्कि प्रेम आपको चुनता है ❣



  • रूबी प्रसाद
    सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल)
    20/06/2020


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