प्रीत कभी तुम भी जतलाओ.


तुम कहते जब मैं हाजिर हूं,
तुम भी तो सूरत दिखलाओ.!!


मेरी प्रीत है सबके खातिर,
प्रीत कभी तुम भी जतलाओ.!!


हवा में ताली उड़ा थकी मैं,
दूजा पंजा तुम तो मिलाओ.!!


माना सभी व्यस्त हैं रहते,
कभी तो अपनी राय बतलाओ.!!


उम्मीद हमारी टूट न जाए,
दिखूं न मैं भी मत सिखलाओ.!!


माना बहुत श्रेष्ठ हो तुम सब,
पर चूरन से मत फुसलाओ.!!
====================
अर्चना भूषण त्रिपाठी "भावुक"@


Popular posts
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं लखीमपुर से कवि गोविंद कुमार गुप्ता
Image
पितृपक्ष के पावन अवसर पर पौधारोपण करें- अध्यक्ष डाँ रश्मि शुकला
Image