पिया संग


अल्हड़ शोख सपने आँखों में लिए 
हाथ थाम क़दम बढ़ाया तो था ।
ज़िंदगी का एक ख़ुशनुमा दौर
बहार बन मेरे दिल छाया तो था ।


थी  गुनगुनाती   यूँ  ही बेवजह 
हमने तेरे दिल को पाया  तो था ।
कभी रूठना  कभी मान जाना 
पिया तेरा साथ मुझको भाया तो था।


यूँ ही चलते बीता सफ़र  एक लम्बा 
देखूँ मुड़कर लगे यूँ कल की बात थी ।
कभी बरसते सावन कभी ग़म की राते 
हाथ पकड़ ठाठस तुमने बँधाया तो था।


कर्तव्य प्रेम के पथ पर चले बहुत दूर 
एक दूजे को सम्भाले हर पल साथ ।
साथ हर पल दिल से तुमने हमारा 
सात वचनो को लेकर निभाया तो था।


चले हाथ थामे हम दोनो सफ़र में 
खिले फूल भी उपवन में हमारे थे ।
मगर रह गए अब हम दोनो ही 
पहले भी एक दूसरे के सहारे हम ही थे ।


सुन पिया ख़ूबसूरत सफ़र है हमारा
तू ही मेरा प्यार जीवन का ऋृगार है ।
एसा ही पिया रब से दुआ  में 
दिन रात हाथ उठा कर माँगा तो था ।
 
सवि शर्मा  


देहरादून


Popular posts
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं लखीमपुर से कवि गोविंद कुमार गुप्ता
Image
पितृपक्ष के पावन अवसर पर पौधारोपण करें- अध्यक्ष डाँ रश्मि शुकला
Image