संयोग - संसार उत्पति
वियोग -विछोहनश्वरदेह_
इंसान प्रेम में रह कर जीना पसंद करता है
फिर वो हो माता,पिता,
बहन,भाई,दोस्त ओर..
एक प्रेमी या प्रेमिका,
और जब किसी प्रकार का प्रेम न हो उसके जीवन में तो अपने आप को मुक्त होने का सोचता है।
"एकाग्रचितमग्नलीन"
ध्यान केंद्रित कर
उस सुकून की खोज
में समा जाना,
जो कभी मिल जाए
तो उसकी आयु
बहुत कम होती है।
"प्रतिक्षाअंतिमक्षण"
तलाशता रहता है
अपना अंतिम पल
जिसकी तलाश
उसकी आखरी
सांसों से ख़तम होती है।
_मौन_ सदा - सदासर्वस्य__
सो जाना चाहता है
सदा सदा के लिए
हो कर शांत
इस दुनिया को छोड़
एक अलग सी दुनिया में जाने के लिए
"पुनः क्रिया स्वचालित"
जन्मसंघर्षमृत्यु
पिया तिवारी