बिमलेन्दु भूषण पाण्डेय/ज्वाला सिंह
जेकरा नाम से पुरा कंपनी सरकार कांपत रहे, जी ह बात होता सारण्य सम्राज के परम प्रतापी, युग यशस्वी, अतुल्य पराक्रमी,अपराजेय योद्धा परम श्रद्धेय महाराजा फतेह बहादुर शाही जी, जे पहिला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर आ अभिजीत सेनानी रहनी। महाराज के सौर्य आ पराक्रम के आगे अंग्रेजी सरकार के वारिंग हेस्टिंग जइसन अधिकारी कई-कई बार पराजित भइल। सन 1765से ले के 1790तक अंग्रेजी सरकार के हर लड़ाई में श्रद्धेय महाराज फतेह बहादुर शाही जी के हाथे हार के मुंह देखे के मिलल, ईहा तक कि महाराज के युद्ध कौशल आ अपराजेय के डर से भयभीत कंपनी सरकार के कवनो अधिकारी या सिपाही समुचा सरयु आ गंडक के बीच के भूमि पर पैर रखे के हिम्मत ना रहे अइसन महामानव, हमहन भोजपुरिया के आन, बान आ शान राजा साहब के सौर्य गाथा के साथे अंग्रेजी सरकार आ स्वतंत्रत भारत के इतिहासकार लोग बहुते अन्याय कइल इंहा तक कि काल तक गोपालगंज जिला प्रशासन के अधिकारीक,वेबसाइट पर महाराज के नाम के आगे डाकू शब्द जुड़ल रहल ह। बाकिर काल के दिन हमनी खातिर अपार खुशी ले के आइल आ माननीय, महामहिम राज्यपाल बिहार के हस्तक्षेप से जिलाधिकारी गोपालगंज, के आदेश से महाराज के नाम के साथे जुड़ल डाकू शब्द अब वेबसाइट से हट गइल बा।ई हमनी के महाराज के समुचित सम्मान वापसी में मिल के पत्थर साबित होई। ऐह खास उपलब्धि में सबसे बढके आ अतुल्नीय योगदान आदरणीय डाॅ•प्रो•मुन्ना बाबू के बा कि ऊंहा के महाराज के नाम के साथे जुड़ल कलंक धुलवावे में जवन भगीरथ प्रयाश कइनी ऊ आज फलिभूत भइल ह आ हमनी का गर्व बा की आपन"सारण भोजपुरिया समाज"डॉ•मुन्ना बाबू के हर क़दम से कदम मिला के ऐह मुहीम में पुरा तन्मयता से शामिल बा आ आगें भी महाराजा फतेह बहादुर शाही जी के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहिला नायक घोषित होखे तक अनवरत आपन सर्वश्रेष्ठ योग्यदान देत रही आ आदरणीय डॉ•मुन्ना बाबू के साथे महाराज के सम्मान वापसी के मुहिम में पुरा तन मन धन से सहभागी रही।