असली समय अबे आइल बा
करीं देश से प्यार।
मत कीनी कुछ भी चाइना के
छोड़ीं अब व्यापार।।
सेना बा सीमा पर चउकस
देश के असली बंदा।
हमनी बिल्कुल बंद करीं
चाइना से आपन धंधा।।
देस भी आपन बंद करsता
ओकरा से अनुबंध।
धीरे धीरे बंद करी अब
व्यापारिक संबंध।।
चारु ओर से घेरे के बा
तबे उ जा के मानी।
हमनी के ताकत निष्ठा के
तबे ऊ पहचानी।।
आईं हमनी किरिया खाईं
बन के सच्चा बंदा।
अब ओकर सामान लेया के
घर ना करेम गन्दा।।
जय हिंद!जय भारत!
@अखिलेश्वर मिश्र
माटी से प्यार