लक्ष्मी बाई


लक्ष्मी बाई बन मनू जब,
पग धरणि पर धर दिया ।


 मानो स्वयं ही दुर्गमा ने ,
जन्म धरती पर लिया ।


सुघड़ता मे लक्ष्मि जैसा,
रूप प्रभु ने था  दिया ।


शौर्य ,साहस शक्ति से  ,
माँ शक्ति ने सजा दिया ।


 मां भारती की भक्ति  हित ,
थे  प्राण अर्पण कर दिया ।


 ये वीरता की अमिट गाथा ,
को  नया  दर्पण  दिया ।


 नारी शक्ति अटल योद्धा ,
 की अमर मिसाल वह ।


 क्रांति  देवी रूप में  थीं ,
 शत्रुओं  का  काल  वह ।


 निर्बल नहीं नारी  कभी ,
 संदेश  दुनिया को  दिया  ।


गौरव  बढ़ाकर  देश का ,
यह विश्व में साबित किया ।


सुषमा दीक्षित शुक्ला


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