लड़वन्ना गांव के 160 परिवारों के बीच बांटा गया राहत व बचाव सामग्री        

                    


- भारत विकास परिषद् की ओर से पूरे गांव में चलाया गया जन जागरूकता कार्यक्रम


- परिषद् की विद्यापति शाखा का राहत वितरण व जागरूकता कार्यक्रम काफी सराहनीय--डा चौरसिया


- समाजसेवा से प्रसन्नता एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास भी संभव--राजेश कुमार


मीर शहनवाज


दरभंगा। सामाजिक एवं पारिवारिक संस्था भारत विकास परिषद् की विद्यापति शाखा, दरभंगा के तत्वावधान में गरीब एवं जरूरतमंद लड़बन्ना(सोनकी) गाँव के सभी 160 परिवारों के बीच मे बांटा गया राहत सामग्री। राहत सामग्री खरीद हेतु पार्षद अनिल कुमार तथा उनके पुत्र अनुराग अग्रज ने ₹20,000 प्रदान किए। कार्यक्रम में परिषद् की ओर से राजेश कुमार, अनिल कुमार, डा आर एन चौरसिया,दिवाकर कुमार,आनंद भूषण के साथ ही वार्ड सदस्य अशेश्वर सदा, सामाजिक कार्यकर्ता रमेश चौपाल,रामभरोस चौपाल व निर्मला देवी आदि ने विशेष सहयोग किया। साथ ही शारीरिक दूरी रखते हुए परिषद् द्वारा गोद लिए गए गांव लड़बन्ना के ग्रामीणों तक कोरोना वायरस से बचाव हेतु विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराई गई। इस अवसर पर परिषद के उत्तर बिहार प्रांत के महासचिव राजेश कुमार ने कहा कि सामाजिक कार्यों से हम प्रसन्न होते हैं तथा हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। इस विकट परिस्थिति में हमें एक-दूसरे का सहयोगी बनना चाहिए। जब तक कोरोना वायरस का टीका उपलब्ध नहीं होता है, तब तक सावधानी और बचाव ही इसका एकमात्र उपाय है। इस समय हमें बीमार,वृद्ध तथा बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
भारती-मंडन शाखा के संयोजक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि लड़बन्ना गांव अत्यंत ही गरीब व अशिक्षित है,यहां के लोगों के लिए परिषद् अपने सदस्यों के बीच चंदा कर राहत सामग्री प्रदान किया है। विद्यापति शाखा का यह राहत वितरण तथा जागरूकता कार्यक्रम अत्यंत ही सराहनीय एवं अनुकरणीय है।
विद्यापति शाखा के सचिव दिवाकर कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस का न तो कोई दवा है और न ही कोई टीका। इसलिए शारीरिक दूरी रखते हुए जागरूकता ही इसका एकमात्र उपाय है। इसके नियंत्रण हेतु साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना भी आवश्यक है।
प्रांतीय संस्कार संयोजक अनिल कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। हमें सावधानी व बचाव रखते हुए कोरोना के साथ ही जीना होगा। योगाभ्यास, व्यायाम तथा पौष्टिक व संतुलित आहार के सेवन से ही कोरोना को मात दी जा सकती है।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कोषाध्यक्ष आनंद भूषण ने कहा कि इस गोद लिए गए लरबन्ना गांव के सभी 160 परिवारों के बीच चुड़ा,नमक, सत्तू,तोलिया,साबुन व मास्क आदि वस्तुएं दी गई है और लोगों को इस बीमारी से बचाव के तरीके बताए गए हैं।


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