खेतों के लिए आसमान से अमृत बनकर बरसा पानी

 दि ग्राम टूडे शिवम त्रिवेदी
जिला ब्यूरो प्रमुख


बहराइच। पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी झेल रहे जिले के लोगों को बुधवार रात से राहत मिली। तेज हवाओं के साथ झमाझम बरसात शुरू हो गई। तापमान में गिरावट दर्ज की गई। खेतों में पानी भरने से किसानों ने धान की फसल लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, यह बरसात फसलों के लिए काफी मुफीद है।
तराई में करीब एक सप्ताह से लोग चिलचिलाती धूप व भीषण गर्मी से बेहाल थे। मंगलवार शाम अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। तेज हवाओं के चलने से गर्मी से राहत मिली। देर रात तेज हवाओं के साथ बादल गजरने लगे। उसके बाद झमाझम बरसात शुरू हो गई। बरसात के चलते सड़कों पर पानी भर गया। बुधवार की सुबह दस बजे तक झमाझम बरसात हुई।आसमान में पूरे दिन बादल छाए रहे। दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जबकि 41 फीसदी आर्द्रता रिकॉर्ड की गई।
फसल अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ. एमपी सिंह ने बताया कि मंगलवार शाम से ही रुक-रुककर 16 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दक्षिण पूर्वी हवाएं चली हैँ। उन्होंने बताया कि करीब 12 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि मौसम के बदले मिजाज से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। यह बरसात फसल के लिए काफी मुफीद है। खेतों को तैयार करने का किसानों के पास सही मौका है। तराई में हुई भारी बरसात से खेतों में पानी भर गया है। धान की रोपाई के लिए लगाई गई पौध में पानी भरने से उसके सूखने की आशंका है, जिसे देखते हुए खेतों के किनारे किसानों ने नाली बना ली है ताकि पानी ऊंचे खेतों से निचली जमीन पर जा सके।
विकास खंड मिहींपुरवा के सेमरी घटही निवासी राजेंद्र और ओमप्रकाश ने कहा कि खेतों में पानी भरने से काफी नमी आ गई है। धान की फसल को काफी फायदा हुआ है। किसान रामसती और रामफेर पांडेय ने कहा कि गन्ने की पेड़ी लगाई गई है, जिसकी फसल को भी पानी से काफी लाभ हुआ है। इस बार बेहतर उत्पादन की उम्मीद है।


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