दर्द भरी दुनिया में दर्द ही सहारा जो रहा
खास जब गैर हुए, गैर ही हमरा जो रहा
थमते आँसू भी कैसे इस मुकद्दर के अपने
दर्द औरो का नहीं, ये दर्द हमरा जो रहा
लोग कहते हैं नदी से मिलकर तो देखो
नदी में डूबता रहा, दूर किनारा जो रहा
हम तो अब दर्द के हासिये पर आ पड़े हैं
दर्द का आलम है, ये दर्द हमरा जो रहा
जब कोई बात न बनी तो भी बनायी मैंने
मैं तो अब दुनिया में बचा आवारा जो रहा ।
विद्या शंकर विद्यार्थी
26/06/2020