गजल

 



भूखा- नंगा  जिंदगी के बात संसद में करीं।
 आदमी अस आदमी के बात संसद में करीं।।


 कइस हो अब देश के कल्याण कुछ सोंचीं तनी।
 योजना  नयका  खुशी  के बात  संसद  में करीं।।


 मर रहल बा हर तरफ मजदूर भूखा रोड पर ।
 काम दीं इनको  हँसी  के  बात संसद में करीं।।


आज टूटल बा गरीबन पर गरीबी के पहाड़।
कइसे  पूरा हो कमी के बात संसद में करीं ।।


अब कबो कवनो तिहारी जाए ना बाहर कहीं।
 रोजी - रोटी चाँदनी के बात संसद में करीं ।।


 छोड़ के कुर्सी के जौहर देश के सोचीं  कबो।
 गाँव - घर में  रौशनी  के बात संसद में करीं ।।


जौहर शाफियाबादी



                           


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
पीहू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
कोरोना की जंग में वास्तव हीरो  हैं लैब टेक्नीशियन
Image