एकाग्रता

मानव   -   मन       की     एकाग्रता,
है   उन्नति   -    विकास  की आधार,
शक्ति  -   संबल    है     जीवन   की,
है श्वास - प्रश्वास  की  संयम - संचार,
है श्वास - प्रश्वास की  संयम  - संचार,
श्वास - क्रिया   की  है  सहज  साधन,
कहते 'कमलाकर' हैं एकाग्रता हमारी,
है नियंत्रित करती  अपना तन-मन ।।
      
कवि कमलाकर त्रिपाठी.


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