पूर्ण नाम – श्याम कुँवर भारती
साहित्यिक उप नाम – भारती
जन्म तिथि -30/01/1970
जन्म स्थान – मकोली ,बोकारो
वर्तमान पता- ढोरी स्टाफ कालोनी ,पोस्ट – ढोरी
जिला -बोकारो ,पिन -825102 ,झारखंड
स्थायी पता – ऊपर जैसा
भाषा ज्ञान – हिन्दी , अँग्रेजी ,भोजपुरी
चित्र -सलग्न
राज़्य – झारखंड
ग्राम /शहर – ढोरी ,बोकारो
कार्यक्षेत्र – समाजसेवा ।लेखन
सामाजिक गतिविधि – महासचिव – महीला कल्याण समिति ढोरी
राष्ट्रीय महासचिव -काव्य कुटुम्ब
प्रांतीय संगठन मंत्री - राष्ट्रीय कवि संगम झारखण्ड इकाई,
राष्ट्रीय मंत्री -आभास,भारत
Cag मेंबर ट्राई भारत सरकार,
उप संपादक सह एडमिन सदस्य सामयिक परिवेश
लेखन बिधा -गीत ,गजल,भजन ,कविता, लघु कथा ,कहानी ,नाटक |
मोबाइल/व्हातसप-9955509286
प्राप्त सम्मान ,पुरस्कार- महामहिम राष्ट्रपति पुरस्कार (सामाजिक कार्यो हेतु )
ब्लॉग- shyam kunvar bharti blog spot
प्रकाशित पुस्तकें दो रुपए ,जज्बा ये वत न परस्ती काव्य संकलन
लेखनी का उद्देश्य – साहित्य सेवा /हिन्दी का प्रचार प्रसार
सदस्यता /सहयोग राशि (हिन्दी कार्य प्रगति निमित )- यथा संभव
पसंदीदा लेखक – मुंशी प्रेमचंद
प्रेंरना पुंज – सुभद्रा कुमारी चौहान
विशेषता – लेखन समाज सेवा
देश और हिन्दी भाषा के प्रति आपके विचार (मात्र चार पंकतियों मे )
हिन्दी भाषा राष्ट्र भाषा है |देश को एक सूत्र मे बंधनेवाली है |सबसे मीठी और सरल भाषा है | इसमे सभी रसो का समावेश है |
भोजपुरी गीत-
आफत मे पड़ल जान
गरवा मे अटकल मोर परान गोरिया |
आफत मे पड़ल अब जान गोरीया |
तोहरो सुरतिया मोबाइल मे निहारीला |
बैरी कोरोनवा के बेर बेर धिक्कारीला |
सगरो नगरिया लउके सुनसान गोरिया |
आफत मे पड़ल अब जान गोरीया |
कैसे आई घरवा लगल लॉक डाउनवा |
पिरितिया के मारल लगे नाही मनवा |
हथवा मेहंदीया भइल नुकसान गोरिया |
आफत मे पड़ल अब जान गोरीया |
टूटी लॉकडाउन बिना गाड़ी भागी हम आइब |
सिनुर टिकुली काजर तोहरा लागि हम लाइब |
जवनिया जनी करिहा जिआन गोरिया |
आफत मे पड़ल अब जान गोरीया |
कोरोना कलवा से बची के तनी रइहा |
घरवे मे रइहा कबों बहरा ना जइहा |
कोरोनवा के मचल घमासान गोरिया |
आफत मे पड़ल अब जान गोरीया |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि/लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब 9955509286