बाजार में मोटे तौर पर खेसारी दाल की बिक्री से गद्दीदार भी हैरान- माले
राम कुमार ब्यूरो चीफ समस्तीपुर
समस्तीपुर (बिहार)\ लॉकडाउन अवधि का चावल, दाल वितरण में अनियमितता बरते जाने के खिलाफ लगातार आंदोलन के बावजूद बड़े पैमाने पर धांधली जारी है । पहले तो दाल गबन करने की कोशिश की गई । हो- हल्ला होने पर डीलर, एमओ एवं माफिया गठजोड़ के द्वारा प्रधानमंत्री द्वारा घोषित लॉकडाउन अवधि का प्रति यूनिट 1 किलो दाल के बजाये प्रति कार्ड 1 किलो दाल बांटना शुरू किया गया, अब राहर में सस्ती खेसारी खेसारी दाल मिलाकर दिये जाने की शिकायत जिले के कई प्रखंडों से आ रही है ।
प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस आशय की जानकारी देते हुए भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि पहले तो दाल पूरे तौर पर गमन करने की कोशिश की गई लेकिन भाकपा माले के द्वारा आंदोलन चलाने के बाद मजबूर होकर डीलर उपभोक्ताओं को दाल बांटना शुरू किया. अप्रेल माह का दाल अभी भी गायब है जबकी मई का दाल दिया जा रहा है । जब उपभोक्ता दाल लेकर घर लौटे तो वे हक्का-बक्का रह गए जब राहर की दाल में उन्होंने खेसारी दाल मिलाया हुआ देखा.
माले नेता ने कहा कि राहर दाल करीब 80 रू० किलो है । जबकी खेसारी दाल करीब 50 रू० किलो. अधिक रुपये कमाने के उद्देश्य से डीलर द्वारा राहर दाल में खुलेआम खेसारी दाल मिलाकर बांटे जाने की शिकायत सही है । उपभोक्ताओं को मिला दाल देखने से मिलावट करने की शिकायत को बल मिलता है । उन्होंने कहा कि यह कुकृत्य बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने जिलाधिकारी से राहर में खेसारी दाल मिलाकर डीलर द्वारा उपभोक्ताओं के बांटने की जांच एवं दोषियों पर कार्रवाई की मांग किया है. माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि गरीबों का चावल,गेहूं के साथ दाल लूटने की पूरी कोशिश की जा रही है ।
इस पर कार्रवाई नहीं किया जाता है तो लाकडाउन बाद जोरदार आंदोलन चलाया जाएगा ।