माई के जइसन दुनियां में केहू नइखे$ ,
केहू कतनो दुलारी बाकिर माई नइखे$ ।।माई।।0।।
ओकरा चरण$ में बसेला धाम कुल्हि$,
बात इहे कहेला$ वेद - पुराण कुल्ही$।
सेवा करत माई के पूजा रउआ करत रहीं
दुधवा में मिठाई$ कवनो त कम नइखे $।। माई ।।0।।
माई के ममता के नापे ना नापना कवनो$,
माई के नउवे से दूर होला आफत कवनो ।
गोड़वा छू के निकल$ भइया घर से कहीं ,
ओकर त आशीष वरदान से कम नइखे $।।माई।।0।।
कहीं से अइला पर कहले हमरो माई$ ,
बबुआ होखब$ भुखाइल तूँ अबहीं$।
आँचरा से पोंछेले मुँहवा माई$ हमार ,
ओ अंचरवा के जगहा केहू और नइखे$ ।।माई।।0।।
करिया टीका मुड़ी पर लगावे$ माई$
कवनो नजर गुजर से$ बंचावे माई$।
भइनी जहिया से हम ए भइया सयान,
अब नजरिया से केहू बचावत नइखे$।।माई।।0।।
महतारी (मातृ) दिवस पर दुनिया के सभ महतारी के प्रणाम करत हम बधाई दे तानी ।
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✍️
शैलेन्द्र कुमार तिवारी
ग्राम+पोस्ट: असहनी
थाना : रसूलपुर
जिला : छपरा (सारण)
बिहार