हाइकु

 



 


आंखें तरेरे
सूरज गगन में
गर्मी बिखेरे।
                कोरोना काल
                पलायन करता
                श्रमिक वर्ग।
भयाक्रांत है
कोरोना के डर से
ये जग सारा।
                मज़दूर है
                बेहाल फटेहाल
                कोरोना काल।
कोरोना डर
लौटते मजदूर
अपने घर।
                मजबूर है
                प्रवासी मज़दूर
                अपने देश।
कोरोना काल
घर पर ही रह
बाहर न जा।
                 कोरोना मार
                 तू हिम्मत न हार
                 होगी न हार।


 डॉ संगीता पांडेय"संगिनी"
(स्वरचित)कन्नौज


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं यमुनानगर हरियाणा से कवियत्री सीमा कौशल
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं रुड़की उत्तराखंड से एकता शर्मा
Image