तेरी चाहत मुहब्बत आरज़ू करता है दिल मेरा।
तेरी यादों से हर पल गुफ्तगू करता है दिल मेरा।
**
नहीं दरक़ार अब कोई ज़माने भर की ख़ुशियों से।
नहीं तुझसे कोई शिक़वा गिला करता है दिल मेरा!
**
फ़ासला बेवज़ह ऱिश्तों के दरमियाँ जो होती है!
उसे झूठी तसल्ली से रफ़ू करता है दिल मेरा।
**
तुम्हारी चाहतों का इस क़दर जादू चला मुझ पे।
अकेले में ही तुझसे गुफ़्तगू करता है दिल मेरा।
***
चला खंज़र जो अपनों का बहुत ही वार गहरा था।
हौसलों के ही धागे से रफू करता है दिल मेरा।
**
मेरी हर सांस हर धड़कन पे तेरा नाम लिखा है।
तभी तो बस तुम्हारा जुस्तजू करता है दिल मेरा।
***
हुए नासूर ज़ख़्मों को सनम अब तो हवा न दो।
तुम्हारी बेरुख़ी अश्क़-ए-लहु करता है दिल मेरा।
#मणि बेन