अधर्म पर धर्म  की जीत है  होली,

अधर्म पर धर्म  की जीत है  होली,
भाईचारा - सौहार्द  की   है  होली,
नेह   स्नेह  सम्मान की   है  होली,
रंग रस रंजन उल्लास की है होली,
रंग रस रंजन उल्लास की है होली,
अबीर गुलाल पकवान की है होली,
कहते 'कमलाकर' है होली हमारी,
भक्त प्रह्लाद भगवान की है होली।।
होलीपर्व के शुभ अवसर पर आप
सभी को हार्दिक शुभकामनायें।
   कवि कमलाकर त्रिपाठी.


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