विधा धनुषाकार पिरामिड

 



वो,
शिव ,
ही तो हैं ,
जो बसे  हैं,
उर  उर  में ,
उनके  आराध्य ,
हैं  वे  पुरुषोत्तम  ।
श्री राम अनन्त से ।
आरूढ़   रहेंगे ,
 अनंत  तक ,
राममय,
सर्वदा,
शिव,
वो,
सुषमा दीक्षित शुक्ला


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