जिनिगी जब करतऽ , सवाल होखी।
रात दिन ओकरे बस, ख्याल होखी।।
दिल में धड़कत, रही जे, प्रीत बनल।३
वक्त बदलत, बदल , गइल होखी।
रात-दिन ओकरे बस, ख्याल होखी।।
जिनिगी जब करतऽ , सवाल होखी।।
समय के साथ, चली जे, राह पा जाई।३
ना तऽ सउँसी उमिर, मलाल होखी।।
रात-दिन ओकरे बस, ख्याल होखी।।
जिनिगी जब करतऽ सवाल होखी।।
झूठ के ढोल, पीटल, भल लागेला।३
सांच बोलबऽ तऽ फेर, बवाल होखी।।
रात-दिन ओकरे बस, ख्याल होखी।।
जिनिगी जब करतऽ सवाल होखी।।
आपन होई तऽ सताई, लगाई मरहम।
दर्द दिही तऽ फेरु, कमाल होखी।।
रात-दिन ओकरे बस, ख्याल होखी।।
जिनिगी जब करतऽ सवाल होखी।।
गाँव-घर, शहर, बन, रहलऽ काहे।
आँधी पछुआ, उहाँ, बहल होखी।।
रात दिन ओकरे बस, ख्याल होखी।।
ओस के बूँद, कहीं भा, चांद के रोवलऽ।
नीर तिनका सजल जमाल होखी।।
रात-दिन ओकरे बस ख्याल होखी।।
जिनगी जब करतऽ, सवाल होखी।।
====================
©® निर्भय नीर
एकमा सारण बिहार