कइसे धिया राखीं 

 

 





 

कइसे धिया राखीं धानि घरवा भीतरिया हो 
बहरिया तानवा ना,  

मेहना मारऽता जहनवा हो,  बहरिया....। 

 

केतनन के पँउआ धइलीं सिर के पगरिया हो 

गेंठरिया धनवा ना, 

मांगत बाटे दौलत खनवा हो, बहरिया...। 

 

कहाँ पाईं कहऽ धनिया सोना के गगरिया हो 

सोपरिया पनवा ना, 

देई के करीं कनेया दनवा हो, बहरिया...। 

 

घरवा बेचत बानी आ बेचत हम बधरिया हो 

बेहरिया अनवा ना, 

बेची देब अब मकनवा हो, बहरिया....। 

 

हियवा हो हियवा बिहरऽ जन भीतरिया हो 

पुतरिया दनवा ना, 

बिअहब बेटी के अँगनवा हो, बहरिया....। 

 

विद्या शंकर विद्यार्थी 

24/02/2020




 


 

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