जय भोलेनाथ डमरू धारी त्रिपुरारी के
संग में विराजे वाला गउरा महतारी के
सिरिफल के पात चढ़े चढ़ेला गंगाजल
जय शिव जय शिव हृदया पुकारी के
शोहेला लिलार चान गर में सरप नाग
नमन बाटे औघड़दानी भोला भंडारी के
पाँच फेरा पचकरमा सरधा से करतानी
बिना रउरा नाथ जिनगी भव से उबारी के
बिना भी बतवले नाथ सब कुछ बुझतानी
अन्हार बरियार के हटाई अउरी टारी के ।
विद्या शंकर विद्यार्थी
21/02/2020