शिक्षा हो या राजनीति, फैला चहू ओर उजाला है
दसो दिशा गूंजी है जिससे, वो तो शब्द घोटाला है
चारा हो या हो अलकतरा, और कफन भी छॅटा नहीं,
और कहूं क्या जीवन भी हो, इससे कुछ भी बॅचा नहीं।
हर विभाग में ऐसे बहता, जैसे कोई नाला है ,
दसो दिशा गूंजी है जिससे वो तो शब्द घोटाला है।।
नेता हो या हो अभिनेता सारे इसके न्यारे हैं,
जपते इसको गले लगाके इसलिए यह सबके प्यारे हैं।
चलते हैं ये ज़ोर ज़ूल्म पर,
और सभी को डाला है ,
दसो दिशा गूंजी है जिससे वो तो शब्द घोटाला है।।
शिक्षक और अभिभावक भी तो इसकी पूजा करते हैं ,
और कहूं क्या पंडित जी भी सच कहने से डरते हैं ।
सच कहने वाले को कहते आज के लोग बिलाला है,
दसो दिशा गूंजी है जिससे वो तो शब्द घोटाला है ।।
अफसर और चपरासी में ये मेल मिलाप बढ़ाता है,
सुनो बिजेंद्र बुरे लोगों से श्रद्धा प्रेम बढ़ाता है ।
इसीलिए तो इंसानों का निकले रोज दिवाला है,
दसो दिशा गूंजी है जिससे वो तो शब्द घोटाला है ।।
बिजेंद्र कुमार तिवारी
बिजेंदर बाबू
गैरतपुर , माझी
सारण , बिहार
मोबाइल नंबर 7250299200