दोहे-


लेटी है माँ खाट पर,क्षुधित और बीमार।
रहते उसके  पास में ,पूत  कमाऊ  चार।।1


कभी छोड़ने की नहीं,सपने में की भूल।
भले अकेला  कर गए ,मेरे सभी उसूल।।2


होता वह  अच्छा नहीं ,कहता है संसार।
ढाले जो किरदार को,लोगों के अनुसार।।3


अगर प्यार है देश से ,तो बोलो जयहिन्द।
रखो सजाकर अधर पर,मंत्रों की मानिंद।।4
                          डाॅ बिपिन पाण्डेय


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