सफर दूर का है तो जरा
धीरे-धीरे चलिए जनाब!
दो कदम तेज चलकर
थक जाना मंजिल से
आपको दूर धकेल भी सकता हैं!
रास्ते हैं तो काँटें भी है
देख कर नही चले तो
पाँव लहूलुहान भी हो
सकता है!
आराम से बढ़िये मंजिल पर
जल्दी क्या है ,हुनर है आपमे
तो मंजिल खुद खींच लेगी
आपको अपनी ओर !
बस थोड़ा धैर्य भी रखा कीजिये
अपने पास,ये भी जरूरी है भोजन
पानी और सांस की ही तरह!!!
@शिवानी