बात अइसन की सभे धोखा खा गइल।
बात केतना सांच बा सभका बूझा गइल।
चान तारा के जे लोग देखले रहेs सपना।
ओकरा दिने में अंधरियां छा गइल।
बात अइसन की सभे धोखा खा गइल।
बात केतना सांच बा सभका बूझा गइल।
सभ कुछ बड़ बड़ लोग के देवल जाता।
गरीब के तs आगे से कौरा छीना गइल।
बात अइसन की सभे धोखा खा गइल।
बात केतना सांच बा सभका बूझा गइल।।
मंहगाई बेरोजगारी तs कमर तोड़ देला बा
अब लागत बा कि सभे केहू घबड़ा गइल।।
बात अइसन की सभे धोखा खा गइल।
बात केतना सांच बा सभका बूझा गइल।।
सभका बा आसा की अब सुधरी दासा।
एतने दिन में सभे केहू अगूता गइल।
बात अइसन की सभे धोखा खा गइल।
बात केतना सांच बा सभका बूझा गइल।।
बदली समय सभे केहू के इहे बा आस
अब तs लागत बा कि उनका भी बूझा गइल।
बात अइसन की सभे धोखा खा गइल।
बात केतना सांच बा सभका बूझा गइल।।
असलम सागर
छपरा बिहार
९९३४४७३८७७