याद है मुझे वो ...
पहला स्पर्श...
वो कम्पन वो सिहरन...
उन सिंहरती सी...
हथेली से...
जुडी वो अनामिका...
जिसका सीधा सम्बन्ध...
हृदय से होता है...
जानते हो तुम...
तुम्हारा ये स्पर्श...
हृदय तक पहुँचा...
अनामिका के माध्यम से...
हृदय जुड सा गया था...
उसी पल...
तुमसे मेरा और...
आज भी वो स्पर्श ...
याद है हृदय को...
बखूबी...!
सुधा भारद्वाज"निराकृति"
विकासनगर उ०ख०