सुधा मिश्रा द्विवेदी
जन्म : बसंतपंचमी 1959
शिक्षा : बीए (आनर्स),एम. ए. भूगोल, बी. एड. सभी डिग्रियाँ कलकत्ता विश्वविद्यालय
केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो से अनुवाद में 80-90% अंक प्राप्त ।
संप्रति : पिछले 34वर्षों से रेल सेवा में विभिन्न पदों पर कार्य किया और अंतिम 17 वर्षों तक राजभाषा अधिकारी के पद पर दक्षिण पूर्व रेलवे में कार्य किया।
साहित्य में रुचि। बचपन से कविता लेखन।
स्कूल मैगजीन कालेज मैगजीन, वाल मैगजीन से प्रारंभ यात्रा अनवरत जारी।
विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र- पत्रिकाओं में कविता, कहानी, लघुकथा, पुस्तक समीक्षा का प्रकाशन ।
कई संस्थानों से लेखन हेतु सम्मान प्राप्त।
एक कविता संग्रह और एक कहानी संग्रह प्रकाशनाधीन ।
वर्तमान पता-:-
Sudha Mishra ,Flat No --404,Kaustika Apartment ,Chunabhati, Andul Road ,Post -Podra ,Howrah -711109.West Bengal
अनुबंध
एक ठंडी हवा का झोंका
छिपते छिपाते पहुंच गया
कमरे में मेरे
चिलचिलाती गरमी में सुकून भरा मौसम सा
मेरे आँचल में बंधे मुट्ठी भर हरश्रृंगार
बिखर गये हवा में
सुवास भरते हुये
साँसे फिर से खोजने लगी अनुंबंध
इसभीनी सी सुगंध में
यही सोचकर कि तुम लौट आओगे कभी न कभी ।
जोहती रही बाट मैं अहिल्या सी
वक्त की ठोकरें खाती हुई
कि मेरे राम कब आयेंगे
कब होगी मुक्त यह
पाषाण के कारा में बंदी देह
कब नयन तृप्त होंगे
कब चातक की प्यास बुझेगी
जलती रहेगी नेह की यह बाती
या भभक कर बुझ जायेगी
अपना अस्तित्व लुटायेगी
महकेंगे नहीं फिर
ओ मुट्ठीभर हरश्रृंगार कमरे में मेरे
नयन फिर भी टकटकी सी लगायेंगे
जाने फिर कब आयेगी चुपके से
ठंडी हवा मेरे कमरे में
तपते देह मन प्राण को
सम़झाने में -
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