रीना मिश्रा: साहित्यिक परिचय

 



नाम- रीना विनय मिश्रा
उपनाम- रीना
माता - श्री मती मूर्ती पांडेय
पिता - श्री चंद्रधर पांडेय
पति - डाक्टर विनय मिश्रा (वरिष्ठ वैज्ञानिक), कुशीनगर, उत्तर प्रदेश
निवास-उमानगर, देवरिया, उत्तर प्रदेश
शिक्षा- एम. ए.(समाज शास्त्र, अंग्रेजी),वी. एड.


संगम गोष्ठी में कविता पाठ ,  प्रसस्ति पत्र मिला । 
'संगम स्वर 'में  रचनाएं  प्रकाशित


संप्रति- विभिन्न, पत्र, पत्रिकाओं में लेखन, विभिन्न मंचों पर कविताएं और स्वतंत्र लेखन।


 


लय पर आधारित


हे तीनों लोक के जननायक
करती विनती सौ बार सुनों
हे सृष्टि के तुम अधिनायक 
करती विनती सरकार सुनों
चहुं ओर प्रकाशित पूँज तेरा 
मेरे अंतर में अंधियारा है
जिस ओर तुम्हारी दृष्टि पड़ी 
उस ओर बड़ा उजियार है
मेरे अंतस में प्रभु ज्ञान भरो 
और तन मन को उजियार करो...
रावण मारे,बालि मारे और 
ताड़का का संहार किया
थी सिल बनी नारी का भी
तुमने रज से उद्धार किया
जाने कितने ही दानव हैं 
उन सबका तुम संहार करो....
धरती रोती अंबर रोता 
मानव मानव का प्यासा है
नहीं कोई कली ही खिल पाती
चहुं ओर ही घोर निराशा है
तुम निखिल ब्रम्हांड के स्वामी
करूंणा करके अवतार करो...
हे तीनों...


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