मेरा जीवन परिचय
परिचय क्या इतिहास लिखूँ मैं-
गर्व है भारत वासी हूँ।
सत्य सनातन धर्म हमारा-
ब्राह्मण जाति निवासी हूँ।
कुल मर्यादा युक्त ही जीवन-
त्याग सदा विश्वासी हूँ।
लोक हितों में अर्पित जीवन-
सत पथ दृढ़ अभिलाषी हूँ।।
मानस दर्शन धर्म वेद का-
जहां से निकली धारा-
मातृ भूमि प्यारी प्राणों से-
भारत देश हमारा-
देव भूमि उत्तर प्रदेश का-
रज संसार में प्यारा-
कोटि कोटि हो जन्म यहीं पर-
अद्भुत राज्य हमारा।।
गोत्र सावरण ऋषि पुत्र हूँ-
पाण्डेय कुल अति प्यारा-
उन्नीस सदी पचहत्तर ईसवी-
जन्म लिया संसारा।
ब्राह्मण कुल विद्या का रक्षक-
पूंजी ज्ञान हमारा-
सदा विनम्र रहें सुख अक्षय-
धन अभिमान ना प्यारा।।
तिथि इक्कीस मास श्रावणी-
श्रीनेत पितामह शिक्षक-
पिता मातु श्री रामदुलारी-
धन्य धन्य कुल रक्षक।
माता तारा पिता पूज्य श्री-
कमला कांत के अंक-
जन्म लिया मैं पुत्र तीसरा-
राकेश बुद्धि कलङ्क-
हुरमुजपुर गृह मंदिर मेरा-
ग्राम्य धरा अति श्रेष्ठ।
नदी उदंती के तट स्थित-
गांवों में अति ज्येष्ठ-
प्रकृति सुपावनि धरा सुहर्षित-
शिक्षा ज्ञान अभीष्ट-
सभी जाति हिंदू मुस्लिम सङ्ग-
शामिल ईष्ट-अनिष्ट।।
गाधिपुरी लहुरी काशी में-
पश्चिम खण्ड विकास-
शिक्षा निधि सादात अनोखा-
जहाँ ज्ञान विश्वास।
आज़ादी के नायक कितने-
क्रांतिवीर अधिवास।
शिक्षाविद अधिकारी सेवक-
ज्ञानी गांव निवास।।
शिक्षा-दीक्षा हुई गांव में-
शिक्षक मेरे महान।
बुद्धि हीन मैं जड़ था लेकिन-
पाया गुरूवर ज्ञान।
स्नातक में काशी जाकर-
पाया बहुविधि ज्ञान-
बी एच यू जो तपोभूमि है-
मिटा हृदय अज्ञान।
शिक्षा उच्च दिया गुरुजी ने-
पी एच डी अभिमान-
हिंदी विषय साधना गुरुतर-
पर उपाधि ना शान।
बी एड बलिया भृगु धरती से-
धन्य धन्य स्थान-
शिक्षक बना सुसेवक परिषद-
बच्चे हैं भगवान।।
काव्य साधना चर्या मेरी-
निर्बल है पहचान।
मंच हीन मैं रहा उपेक्षित-
ना अभिलाषा मान।
हिंदी भोजपुरी में गाता-
लोक हितों का गान।
छंद बंध रस काव्य अलंकृत-
प्रकृति सहचरी ध्यान-
हिंदी की सेवा में अर्पित-
जन्म जन्म यह प्राण।
राम कृष्ण शिव भक्ति सुगाथा-
लिखता गङ्गा गान-
देवी दुर्गा नवम रूप में-
देती शक्ति महान।
विविध विषय जो विचलित करते-
पाता हृद स्थान।।
"खंजन आये प्रात" कृति है-
प्रथम खण्ड बस एक।
रहा अभावों में यह जीवन-
वंचित छपे अनेक।
लिखता हूँ हिंदी की पूंजी-
विधा बंधा ना एक।
जीते जी छप सके तो अच्छा-
बाधित नहीं विवेक।।
छोटा जीवन परिचय छोटा-
उपलब्धि नहीं जो गाऊं।
लिखता हूँ सेवक बन कविता-
कैसे ग्रन्थ छपाऊँ-
गांव का जीवन अल्प है साधन-
रोटी नून जुटाऊं-
भला कौन सुधि लेने वाला-
पर संतोष बिताऊं।
राकेश कुमार पाण्डेय
ग्राम व पोस्ट-हुरमुजपुर
विकास खण्ड-सादात
जनपद-गाजीपुर
उत्तर प्रदेश
पिन कोड-२७५२०४
दूरभाष नम्बर-९६२१२७९९६५