मां

 



मां बहुत जरूरी है,
 सभी के लिए,
मां नहीं तो जिंदगी अधूरी है 
सभी के लिए।
मां वो जड़ है 
जिसकी कोख से,
इंसान की नस्ल,
पैदा होती है।
मां ना हो अगर तो 
कहां संस्कारों की
फ़सल पैदा होती है।
मां है तो रोशनी है,
प्रत्येक दीपक की ,
सलामत ज्योती है।
मां,दर्द में बच्चों के,
आंसू खून के,
दिन रैन रोती है।
हो बीमार जो बच्चे तो
कहां चैन की नींद 
वो सोती है।
मां, मां है,
मां जैसी शै
 और कहां होती है।


कौशल बंधना पंजाबी। @स्वरचित।


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