धर्म, राष्ट्र को लेकर संवेदनशील प्रोफेसर रेवा प्रसाद द्विवेदी

 



पल्लवी मिश्रा


धर्म, राष्ट्र को लेकर संवेदनशील और सजग होना विद्वानों का प्रथम स्वभाव होता है, जिसके निर्धारण में उनकी भूमिका अह्म होती है। 


एक ओर ऐसे विद्वानों की टोली जिन्हें किसी शिक्षा शास्त्र की प्रथम आवश्यकता का ही ध्यान नहीं, दूसरी ओर ऐसे लोग भी जिन्हें राष्ट्र को संबोधित कर धर्म के आचरण और उसकी शुद्धता पर प्रखर होकर कहने, बोलने, लिखने का साहस है।


प्रोफेसर रेवा प्रसाद द्विवेदी से मिलने का सौभाग्य बनारस-यात्रा के दौरान मिला, जिन्होंने महामहिम राष्ट्रपति को पत्र लिखकर शिक्षण-संकाय की गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखने का निवेदन किया।


आने वाली पीढ़ी इस मूर्धन्य विद्वान की ऋणी रहेगी कि कई मूल्यवान ग्रंथों के रचयिता होने के साथ ही इन्होंने धर्म-संकाय पर आए संकट को हल करने को तत्परता दिखाई।


 


Popular posts
सफेद दूब-
Image
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
अभिनय की दुनिया का एक संघर्षशील अभिनेता की कहानी "
Image
बाल मंथन इ पत्रिका का ऑनलाइन विमोचन
Image
अभियंता दिवस
Image