(1)
नक्सलवादी छात्र
वाम पंथ के ईशारे पर, जेएनयू के छात्र।
फीस वृद्धि के नाम पर, करते वतन से घात।।
करते वतन से घात, फीस का बना बहाना।
मक़सद है दिल्ली में, नक्सलवाद बढ़ाना।।
जनता के पैसे पर सब, करते ऐशो-आराम।
तीन सौ रुपये वृद्धि पर, विफरे संगठन वाम।।
(2)
मत बिगाड़ो धार्मिक सौहार्द
पक्षकार कोई न जब, जता रहे ऐतराज।
फिर मुट्ठी भर लोग क्यों, उठा रहे आवाज।।
उठा रहे आवाज, शरीयत का दे हवाला।
बेहतर होगा ऐसों को, दो देश निकाला।।
बोर्ड पर्सनल लाॅ को अब, खत्म करे सरकार।
वैसे भी मंदिर मुद्दे पर, हैं न ये पक्षकार।।
कमलेश पाण्डेय तरुण
ओजस्वी कवि एवं मंच संचालक
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