बिटिया जब जब
बडी होती है ।
तब तब बेटी बड़ी होकर होती है माता की माता ।
माँके आँखमे
कचरा जाता।
बेटी मुहँ से
हवा फूंकती ।
तब तब बेटी बड़ी होकर होती है
अपनी माता की माता ।
मंडी से मां तरकारी
लाती ।
बेटी माँ से थैली
लेती ।
तब तब बेटी होती है ।
अपनी माता की
माता ।
माँ जब कभी
बीमार होती ।
बेटी अपने हाथसे
माँके मुखमे नेवला
भरती ।
बेटी तब तब बड़ी होकर होती है अपनी माता की
माता ।
माँ को मायके की
याद आती ।
बेटी माँके आँसू
पोछती ।
तब तब बेटी बड़ी होकर होती है अपनी माता की माता ।।
दिवाकर