इस घर की काेई ताे कहानी हाेगी
किसी ने ताे शुरूआत की हाेगी
क्या वजूद रखता हाेगा
कुछ सपने भी बाेता हाेगा
कैसे वंश काे आगे बढ़ाया हाेगा
काैन कठिनाई का हल चलाया हाेगा
क्या दरिद्रता दिखाया हाेगा
कितना धन लुटाया हाेगा
क्या नाम कमाया हाेगा
कितना धन बचाया हाेगा
लालटेन के सहारे उसने
लालाें काे उजियारा दिखाया हाेगा
मुखिया कुछ ताे इतिहास रखता हाेगा
अब ताे संसार छाेड़ गया क्या करता हाेगा
वंश उसकाे कितना याद करेगा
ऋण उतारने कितना क्या करेगा
वाे जहां भी हाेगा अपने वंशजाे काे
ह्रदय से शुभ आशीष देता हाेगा ....!
---शिवम् मञ्जू
(फ़िराेज़ाबाद)