अभिनय की दुनिया का एक संघर्षशील अभिनेता की कहानी "

 


नागेन्द्र कुमार पाण्डेय


जी..! हां..! आज मैं बात करने जा रहा हूं. बिहार के नालंदा जिले के बिहारशरीफ के नजदीक नचबार नाम के गांव में एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए, चिरंजीवी पांडे की.


 चिरंजीवी पांडे एक साधारण ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए .इनके पिताजी का जीवकोपार्जन कर्मकांड हैं.


 इनका बचपन साधारण तरीके से बीता. बचपन में जब भी चिरंजीवी पांडे रविवार के दिन कृष्णा दूरदर्शन प्रसारित सीरियल और मंगलवार के दिन "ओम नमः शिवाय" और "जय हनुमान" सीरियल को देखते तो ,इनके मन में भी अभिनय से जुड़ी खयालात उत्पन्न होने लगती.


 या यूं कहें कि इनके बचपन में ही अभिनय का शौक जाग गया था. आगे चल कर इन्होंने इंटरमीडिएट का इम्तिहान हरनौत इंटर कॉलेज से पास किया. मगध यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पास किया. उसके बाद उन्होंने निश्चय कर लिया कि अब मुझे अभिनेता बनना है .परंतु तकदीर साथ नहीं दिया. हालांकि उस दौरान इन्होंने एक भोजपुरी एल्बम में काम किया. परंतु वह नहीं चला और इनका कुछ पैसे का नुकसान भी हुआ. आगे चलकर इन्होंने निर्णय किया कि अब मुझे अभिनय में एक्टिंग का कोर्स करना चाहिए .बस होना क्या था? अब ये दिल्ली चले आए . शुरू शुरू में  इनका कोई भी परिचय का  दिल्ली में नहीं था. इस कारण से इन्हें दिल्ली में रहने का सबसे बड़ी परेशानी हुई . परंतु, फिर भी यह नहीं हारे, और "क्राफ्ट फिल्म स्कूल दिल्ली" नाम की एक संस्था से एक्टिंग में कोर्स किया. जहां करीब-करीब इनका ₹1 लाख का खर्च बैठा. हालांकि यह संस्थान दिल्ली में ही नहीं हिंदुस्तान में एक्टिंग के लिए स्थान रखता है. यहीं से मशहूर अभिनेता जिमी शेरगिल भी एक्टिंग सीखा था. यहीं से इन्होंने एक्टिंग की शिक्षा प्राप्त करने के बाद दिल्ली से मुंबई का रुख किया.


मुंबई को अंधेरी नगरी कहते हैं. यह वह नगर है. जहां कोई रातों-रात स्टार और रातों-रात कंगाल भी बन जाता है. मुंबई में आने के बाद इन्होंने पार्ट टाइम जॉब पकड़ा. जहां एक साधारण कंपनी में काम करना शुरू किया. छोटे-मोटे ऐड फिल्म मिलते रहे. परंतु अब तक इन्हें कोई खास लाभ नहीं हुआ था. तभी इनके संपर्क का एक दोस्त के जरिए, इन्हें बड़ी बजट की एक सीरियल के ऑडिशन के लिए बुलाया गया .जहां "पृथ्वी वल्लभ" नाम की एक हिंदी सीरियल आ रही थी. वह सीरियल 32 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही थी. इसमें इन्हें मंत्री का रोल मिला, और अब इनके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आ गया.


धीरे धीरे कुछ और सीरियल में भी इन्हें काम मिला. उसके बाद  "जुड़वा- 2" "शमशेरा " "लव -आज- कल" और "लव यात्रा" जैसे फिल्मों में भी काम किया. ऐड फिल्म "प्ले उड" शॉर्ट मूवी "ब्लू टू ब्लू" मैं भी काम किया.


परंतु इन सारे फिल्मों में इन्हें या तो जूनियर आर्टिस्ट या सह कलाकार की भूमिका में ही काम मिला.


अब इनका ख्वाहिश है कि भोजपुरी फिल्मों में काम करें.



"इनसे बातचीत का पेश है एक खास अंश"



प्रश्न 1. चिरंजीवी जी आपका स्वागत है. "द ग्राम टुडे "दैनिक हिंदी समाचार ऑफिस में. 


उत्तर- बहुत-बहुत धन्यवाद नागेन्द्र पांडे जी...! बहुत-बहुत शुक्रिया..! आपका अखबार दिन दुगना रात चौगुना तरक्की करे..


प्रश्न 2. आप अभिनय की दुनिया को ही क्यों चुना. आप कुछ और क्यों नहीं करना चाहे.


उत्तर- जी सर..! बात ऐसी है कि मेरे पिताजी का यह शौक था कि मेरा बेटा एक्टर बने. परंतु दूसरी तरफ हुआ यह कि मैं जब भी बचपन में दूरदर्शन पर आने वाले सीरियल "ओम नमः शिवाय" और "कृष्णा" देखता तो मेरा भी जी करता कि मैं भी एक्टिंग करूं और यहीं से मेरे अंदर यह शौक जगा.


प्रश्न 3. मैंने सुना कि आप शुरू शुरू में एक भोजपुरी एल्बम बनाए थे. उस एल्बम के पहले आप कोई एक्टिंग कोर्स नहीं किए थे ,और वह एल्बम भी फ्लॉप हो गया.


उत्तर- जी..! आप सही सुने हैं. मेरे अंदर इतनी ललक थी ,एक्टिंग करने का की. मैंने शुरु-शुरु में एक एल्बम में काम किया था. परंतु, वह एल्बम मेरा नहीं था. मेरे एक रिश्तेदार का था .वह भोजपुरी एल्बम था ,और वह बिल्कुल फ्लॉप रहा.


प्रश्न 4. आप अचानक दिल्ली जाने को कैसे प्लानिंग कर लिए..?


उत्तर- जी..! अचानक तो नहीं कहा जा सकता है. क्योंकि, जब मैं वह भोजपुरी एल्बम कर रहा था .उस समय मेरे डायरेक्टर मिश्रा सर हुआ करते थे. उन्होंने ही मुझे यह सजेशन दिया था कि तुम दिल्ली चले जाओ. वहां से एक्टिंग करो. तब कुछ फायदा होने वाला है .अन्यथा ऐसे कुछ नहीं होगा. वहीं से मैंने यह निर्णय लिया और फिर दिल्ली आकर "क्राफ्ट फिल्म स्कूल में एक्टिंग" की .


प्रश्न 5. "क्राफ्ट फिल्म स्कूल" तो बहुत ही नामी संस्थान है..? वहीं से जिम्मी शेरगिल जैसे कुछ और भी सुपरस्टार कोर्स किए. आपको वहां से कितना खर्च तकरीबन लगा होगा..?


उत्तर- वाकई में, "क्राफ्ट फिल्म स्कूल" एक उच्च संस्थान है, वहीं से "जिम्मी शेरगिल" भी एक्टिंग की कोर्स किया है. वैसे तो उस संस्थान का फी, जब मैं एक्टिंग सीख रहा था. उस समय 60 हजार एक्टर का फी था. परंतु ,आज पता नहीं ..और 40 से 50 हजार का खर्च आवास ,भोजन और दूसरी चीजों में बैठा. इस तरह एक लाख का खर्चा बैठा था.


प्रश्न 6. एक्टिंग सीखने के बाद आप मुंबई का रुख किया ?कैसी रही शुरू शुरू में मुंबई का यात्रा..?


उत्तर- मुंबई का यात्रा कोई खास नहीं. यहां दिल्ली की तरह परेशानी नहीं हुई .क्योंकि पहले से ही मेरे ऐसे बहुत से दोस्त थे. जो मुंबई में फिल्मों या सीरियल में काम कर रहे थे. इस कारण से ज्यादा परेशानी झेलना नहीं पड़ा ,और मुझे पार्ट टाइम जॉब मिल गया.


प्रश्न 7. "पृथ्वी वल्लभ "यह तो बहुत ही बड़ी बजट की सीरियल रही. इसमें आपको काम कैसे मिला? सुनते हैं यह 32 करोड़ की सीरियल थी, और अच्छी कमाई भी की थी?


उत्तर- बिल्कुल सही !आपने सुना है .यह बड़ी बजट की सीरियल थी. इसमें मुझे मेरे एक दोस्त के जरिए काम मिला था.


प्रश्न 8. सुनते हैं यह सीरियल अच्छी कमाई करने के बावजूद भी इसके प्रोड्यूसर सीरियल को बंद कर दिए.


उत्तर- सच बात है . यह सीरियल अच्छी कमाई कर रही थी .परंतु, उसी दौरान बाहुबली फिल्म आ गया और उस कहानी सारा प्लॉट और खाका पृथ्वी वल्लभ से मैचिंग करने के कारण, इसके प्रोड्यूसर को मजबूरन बंद करना पड़ा.


प्रश्न 9. आपने अभी तक कौन-कौन सी फिल्मों में काम किया?


उत्तर- मैंने "शमशेरा" रणबीर कपूर का ,"लव यात्रा" सलमान खान का, और "लव आज कल" आर्यन सिंह का, फिल्मों में काम किया. इसके अलावा ऐड फिल्म "प्ले वुड" और शार्ट मूवी "ब्लू टू ब्लू" मैं भी काम किया.


प्रश्न 10. कानो कान यह भी पता चला है कि आप भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में काम करना चाहते हैं...? क्या कारण है..?


उत्तर- जी..! आपने यह भी सही सुना है. क्योंकि, मैंने अब तक जितनी भी फिल्मों में काम किया, तो मुझे एज ए जूनियर आर्टिस्ट ही रखा गया. लीड रोल अब तक नहीं मिला है .दूसरी बात मैं भोजपुरी अच्छी तरह बोल सकता हूं. समझ सकता हूं. ऐसे में अगर मुझे लीड रोल भोजपुरी फिल्मों में मिले. तो मैं भोजपुरी करूंगा . मेरा यह शौक है. क्योंकि मैं बिहार से हूं. बिहार भोजपुरी का एक बहुत बड़ा गढ़ है. भोजपुरी फिल्मों में ही अपनी एक अलग पहचान बना सकूं।


समूह सम्पादक शिवेश्वर दत्त पाण्डेय


सम्पादक सुबाश चन्द्र पाण्डेय


What's app number 9568272638


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