अभिलाषा विनय : साहित्यिक परिचय


 


 


नाम: अभिलाषा विनय
जन्म - १२/१०/१९७८
माँ का नाम:- श्रीमती प्रेमलता खरे
पिता का नाम:- श्री गिरजा प्रसाद खरे
पति का नाम:- श्री विनय विक्रम सिंह
जन्म स्थान - लखनऊ
मूल निवास - लखनऊ
शिक्षा - एम. ए., बी. एड., एल. एल. बी., लखनऊ विश्व विद्यालय।
बेसिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश में कार्यरत
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जन्मस्थान:- लखनऊ संप्रति नोयडा में कार्यरत

साहित्यिक सम्मान:- 
गीत विधा पर मातृभूमि सम्मान व गीत रत्न सम्मान, इंद्रप्रस्थ साहित्य दीप सम्मान।

संकलन:- काव्य त्रिपथगा, गीत हुए सिन्दूरी, भारत माता की जय (साझा) विविध पत्रिकाओं में लेख और कवितायें प्रकाशित।


🌺    काँस के फूल      🌺

श्वास जलती सदा धौंकनी की तरह,
आग मन में पिघलती नदी की तरह।१।

भाव दीपित नहीं ना नयन भोर से,
स्वप्न सूखे बहे रेत कण की तरह।२।

आयु सजती रही *काँस के फूल सी,
फूल झरते रहे हिम कणों की तरह।३।

सूर्य किरणें निपूती अकेली रहीं,
संग ना चल सकीं जुगनुओं की तरह।४।

चंद बातें सजाये कला चाँद सी,
मैं टहलती रही चाँदनी की तरह।५।

बात क्या थी भला जो बरस ना सकी,
रूह सूखी रही चातकी की तरह।६।

हाथ में सागरों से उजाले भरे,
राग ले गुनगुने वंशीधुन की तरह।७।

यूँ ही देखा करूँ अनमनी सी खड़ी,
मौन रोती खनक कंगनों की तरह।८।

गर चलूँगी तो क्या भोर जग जाएगी?
देख तो पग बढ़ा घुँघरुओं की तरह।९।

✍️ अभिलाषा विनय

*काँस- एक प्रकार की लंबी घास जो परती या बलुई जमीन में होती है ।

घोषणा-
मैं ये घोषणा करती हूँ कि प्रकाशन हेतु भेजी गयी समस्त रचनाएं मेरे द्वारा लिखित हैं तथा जीवन परिचय में दी गयी समस्त जानकारी पूर्णतया सत्य है।

अभिलाषा विनय


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