जो बेटी दस बजे आराम से उठती धी
बिस्तर से वो आज दस बजे तक
सारे काम निपटा देती है घर के।
जो बेटी जीन्स टाप में घूमती थी
वो सिर ढक लेती है अब
ससुर के डर से।
जो बेटी टहलती थी इधर उधर
आज काम निपटा कर
अपने कमरे में बैठ जाती है घर के।
जो लड़ती झगड़ती थी भाई के साथ
आज आवाज ऊंची नहीं करती है घर में।
सच आज बेटी बड़ी हो गई।
कौशल बंधना पंजाबी।